The Goat Movie Review In Hindi : थलापति वियज के फिल्म का फर्स्ट रिव्यू आउट, जाने कैसी है फिल्म

भूमिका: Tthe Goat Movie Review In Hindi
कुछ फिल्में केवल मनोरंजन तक सीमित नहीं होतीं; वे जीवन की कठिनाइयों और संघर्षों की गहरी सच्चाइयों को उजागर करती हैं। पृथ्वीराज सुकुमारन की फिल्म द गोट लाइफ ऐसी ही एक फिल्म है, जो न केवल कहानी कहती है, बल्कि उसमें छिपे भावनात्मक पहलुओं को भी दर्शाती है। यह फिल्म 16 साल की लंबी प्रतीक्षा और संघर्ष के बाद बनाई गई है, और इस यात्रा के हर पहलू को महसूस किया जा सकता है। इस समीक्षा में, हम फिल्म की कहानी, निर्देशन, अदाकारी और संगीत के पहलुओं पर विस्तार से चर्चा करेंगे।

कहानी की गहराई: The Goat Movie Review In Hindi

द गोट लाइफ साल 2008 में आए बेन्यामिन के उपन्यास aadujeevitham पर आधारित है, जो एक सच्ची घटना पर आधारित है। फिल्म की कहानी नजीब नाम के एक व्यक्ति की है, जो रोज़गार की तलाश में सऊदी अरब जाता है, लेकिन वहां एक बूचड़खाने में फंस जाता है। उसे बकरियों की देखभाल का काम सौंपा जाता है, जहां उसकी जिंदगी संघर्षमय हो जाती है। फिल्म में नजीब की इस कठिन यात्रा को विस्तार से दिखाया गया है – कैसे वह अपनी दुर्दशा से बच निकलने का प्रयास करता है और जीवित रहने की इच्छा को बनाए रखता है। Tthe Goat Movie Review In Hindi

फिल्म की कहानी बेहद मार्मिक और हृदयस्पर्शी है, जो दर्शकों को जीवन के संघर्षों से रूबरू कराती है। यह फिल्म उन लाखों लोगों की स्थिति को उजागर करती है जो रोज़गार के लिए विदेश जाते हैं और वहां की कठिन परिस्थितियों का सामना करते हैं।

निर्देशन की विशिष्टता:

द गोट लाइफ के निर्देशक ब्लेसी ने इस फिल्म को न केवल निर्देशित किया है बल्कि इसे आत्मा प्रदान की है। उन्होंने नजीब के दर्द और संघर्ष को इतनी गहराई से उकेरा है कि यह दर्शकों को अंदर तक हिला देता है।

Tthe Goat Movie Review In Hindi

ब्लेसी का निर्देशन अत्यधिक ध्यान और मेहनत के साथ किया गया है। हर फ्रेम में उनकी गहराई दिखाई देती है, जिससे दर्शक नजीब की परिस्थिति को महसूस कर सकते हैं। उन्होंने विदेशी भाषा के संवादों को सबटाइटल न देने का एक साहसी निर्णय लिया, जिससे दर्शक केवल नजीब के दर्द और उसकी मानसिक स्थिति पर ध्यान केंद्रित कर सकें।

अदाकारी का उच्च स्तर: The Goat Movie Review In Hindi

फिल्म की अदाकारी एक और मजबूत पक्ष है, जिसने इसे उत्कृष्टता के शिखर तक पहुंचाया है। पृथ्वीराज सुकुमारन ने नजीब के किरदार को निभाने में असाधारण प्रदर्शन किया है। फिल्म की शुरुआत में वह एक सामान्य मल्याली व्यक्ति के रूप में नजर आते हैं, लेकिन जैसे-जैसे कहानी आगे बढ़ती है, उनका संघर्ष और दर्द गहराता जाता है।

पृथ्वीराज ने नजीब के शारीरिक और मानसिक परिवर्तन को बेहद प्रभावशाली तरीके से प्रदर्शित किया है। उनका प्रदर्शन इस हद तक वास्तविक और गहन है कि वह दर्शकों के दिलों तक पहुंच जाता है। उनके इस किरदार को अभिनय के विद्यालयों में पढ़ाया जाना चाहिए, क्योंकि यह अदाकारी का एक उदाहरण है जिसे लंबे समय तक याद रखा जाएगा।

सह-कलाकारों की बात करें तो के आर गोकुल ने हकीम के किरदार में बेहतरीन अभिनय किया है। वहीं, जिमी जीन लुईस और अमाला पॉल ने भी अपने-अपने किरदारों में जान डाल दी है। The Goat Movie Review In Hindi

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संगीत का जादू: Tthe Goat Movie Review In Hindi

फिल्म में संगीत का विशेष स्थान है, और जब संगीतकार ए आर रहमान हों, तो फिल्म का संगीत स्वतः ही अद्वितीय हो जाता है। द गोट लाइफ में ए आर रहमान ने संगीत को इस प्रकार से पिरोया है कि यह फिल्म की कहानी और उसके भावनात्मक पहलुओं को सशक्त बनाता है। संगीत न केवल फिल्म के मूड को सेट करता है, बल्कि दर्शकों को नजीब की यात्रा का हिस्सा बना देता है।

फिल्म की विशेषताएँ:

  • कहानी: सच्ची घटना पर आधारित एक दिलचस्प और प्रेरणादायक कहानी।
  • अदाकारी: पृथ्वीराज सुकुमारन का शानदार प्रदर्शन, जिसे लंबे समय तक याद रखा जाएगा।
  • निर्देशन: ब्लेसी का गहन निर्देशन, जो हर फ्रेम को जीवंत बनाता है।
  • संगीत: ए आर रहमान का दिल छूने वाला संगीत, जो फिल्म को एक नई ऊंचाई प्रदान करता है।

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